Mukhya Mantri Chiranjeevi Swasthya Bima Yojana | मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना क्या है ?
राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा 2021-22 में राजस्थान में 'यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज' लागू करने की घोषणा की थी, जिसके अनुपालन में राज्य में में 1 मई, 2021 से मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना प्रारंभ की गई । मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा 2022-23 में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की सीमा 10 लाख रुपये तक बढ़ाकर स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है, जिसमें राज्य के सभी परिवारों और आयु वर्ग को शामिल किया गया है। इसमें कोविड समेत 1633 पैकेज और प्रक्रियाएं शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिन पहले और 15 दिन बाद तक के इलाज का खर्च योजना के तहत कवर किया जाता है।
यह योजना राज्य के सभी नागरिकों को चिकित्सा पर होने वाले भारी खर्च से मुक्त कर अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने की प्रतिबद्धता के साथ लाई गई है ताकि पीड़ित और गंभीर बीमारियों के इलाज में धन की बाध्यता न हो।
इस योजना से राज्य के नागरिकों को सरकारी के साथ-साथ निजी अस्पतालों में अस्पताल में भर्ती होने पर गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराकर तथा परिवार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले खर्च को कम कर 'यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज' की दिशा में एक और कदम बढ़ाया गया है
योजना का उद्देश्य क्या है ?
1. बिस्तर क्षमता:- बिस्तर क्षमता का अर्थ अस्पताल में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या से है, जो जिला पैनल समिति द्वारा सत्यापित किया गया है और राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमाण पत्र में उल्लेख किया गया है।
2. रोग पैकेज/प्रक्रिया:- आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना और योजना के दिशा-निर्देशों के लिए प्रकाशित आरएफपी में प्रदर्शित पैकेज/प्रक्रियाएं।
3. डे-केयर उपचार:- डे-केयर उपचार उन चिकित्सा उपचारों या सर्जरी को संदर्भित करता है, जो तकनीकी आधुनिकीकरण और प्रक्रियाओं के कारण 24 घंटे से कम की अवधि में सामान्य संज्ञाहरण या स्थानीय संज्ञाहरण के तहत किया जा सकता है/यह आवश्यक नहीं है। पैकेज में मरीज को 24 घंटे अस्पताल में रहने के लिए।
4. पात्र परिवार:- योजनान्तर्गत जन-आधार डाटाबेस से जुड़े वे परिवार, जो निःशुल्क श्रेणी के अन्तर्गत पात्र हैं अथवा निर्धारित प्रीमियम का भुगतान कर योजना में पंजीकृत किये गये हैं।
5. परिवार:- योजना में प्रयुक्त पहचान पत्र (जन-आधार कार्ड) में दर्शाये गये सभी सदस्यों को परिवार में सम्मिलित किया जाता है। इसके अलावा उस परिवार का एक वर्ष तक का बच्चा भी शामिल है, जिसका नाम पहचान पत्र में नहीं है।
6. सरकार:- सरकार मतलब राजस्थान सरकार।
7. निजी चिकित्सालय:- से अभिप्राय उन निजी चिकित्सा संस्थानों से है, जिन्हें योजना के क्रियान्वयन हेतु राजस्थान राज्य स्वास्थ्य आश्वासन अभिकरण द्वारा संबद्ध किया गया है।
8. सरकारी अस्पताल:- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उच्च स्तर के सभी सरकारी अस्पताल इसमें शामिल हैं। इसमें राज्य में भारत सरकार द्वारा संचालित संबद्ध सरकारी अस्पताल भी शामिल हैं।
9. कैशलेस उपचार:- कैशलेस उपचार का अर्थ है कि योजना के तहत लाभार्थी परिवार के सदस्य के लिए योजना का आरएफपी तथा उसे पैकेज गाइडलाइन से चयनित पैकेज के तहत इलाज के लिए नेटवर्क अस्पतालों को कोई राशि नहीं देनी होगी। अनुबंध की शर्तों के अनुसार नेटवर्क अस्पताल में उपचार की लागत की प्रतिपूर्ति बीमा कंपनी द्वारा की जाएगी।
10. इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू):- एक नेटवर्क अस्पताल का एक अलग वार्ड या विंग, जो एक समर्पित डॉक्टर की देखरेख में है और सभी जीवन रक्षक उपकरणों और सुविधाओं से लैस है जो गंभीर स्थिति में रोगी के जीवन के लिए आवश्यक हैं। स्थिति। यह रक्षा करने के लिए है।
11. ओपीडी उपचार:- इस प्रकार के उपचार में रोगी को चिकित्सकीय परामर्श, जांच, उपचार आदि दिया जाता है लेकिन उसे अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती है।
12. आईपीडी उपचार:- इस प्रकार के उपचार में रोगी को बिस्तर पर पड़े रहने के दौरान अस्पताल के आईपीडी अनुभाग में उपचार करना होता है।
13. नेटवर्क अस्पताल:- बिंदु संख्या 7 में उल्लिखित निजी अस्पताल और बिंदु संख्या 8 में उल्लिखित सरकारी अस्पताल नेटवर्क अस्पताल के रूप में जाने जाएंगे।
14. दिशा-निर्देश:- मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना/आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत राजस्थान राज्य स्वास्थ्य आश्वासन एजेंसी द्वारा समय-समय पर जारी/जारी किए गए सभी निर्देश।
15. परिवार पहचान पत्र:- परिवार पहचान पत्र यानि जन-आधार कार्ड।
16. बीमा कम्पनी:- योजना के क्रियान्वयन हेतु राजस्थान राज्य स्वास्थ्य बीमा अभिकरण द्वारा चयनित बीमा कम्पनी।
17. न्यूनतम दस्तावेज़ प्रोटोकॉल:- न्यूनतम दस्तावेज़ प्रोटोकॉल का अर्थ है दावा प्रसंस्करण/पूर्व-प्रमाणन अनुरोध के समय नेटवर्क अस्पतालों द्वारा बीमा कंपनी को प्रस्तुत किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेज़।
18. राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी:- योजना के क्रियान्वयन हेतु सोसायटी अधिनियम 1958 के तहत पंजीकृत संस्था।
19. माननीय मुख्यमंत्री जी की वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अनुसार स्वास्थ्य बीमा कवर 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख प्रति परिवार प्रति वर्ष किया गया है।
20. लामा (चिकित्सकीय सलाह के खिलाफ छोड़ दिया):- ऐसी स्थिति जिसमें डॉक्टर के डिस्चार्ज होने से पहले मरीज अस्पताल छोड़ना चाहता है।
21. फरार:- ऐसी स्थिति जिसमें मरीज इलाज पूरा होने से पहले डॉक्टर या अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को बिना बताए अस्पताल छोड़ देता है।
पॉलिसी वर्ष
1 अप्रैल से 30 अप्रैल 2021- 1 मई 2021 से
1 मई से 31 मई 2021- योजना के तहत
पंजीकरण की तारीख से
पात्रता की श्रेणियां
1. निःशुल्क लाभ प्राप्त करने वाली श्रेणी:- राज्य सरकार द्वारा निर्धारित ऐसी श्रेणी के पात्र परिवारों के प्रीमियम का शत-प्रतिशत भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। वर्तमान में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र परिवार, सामाजिक-आर्थिक जनगणना (एसईसीसी) 2011 के पात्र परिवार, राज्य सरकार के विभागों/बोर्डों/निगमों/सरकारी कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मचारी, छोटे सीमांत किसान और पिछले वर्ष कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले निराश्रित एवं असहाय परिवारों को नि:शुल्क श्रेणी में शामिल किया गया है।
2. रु. 850/- प्रति परिवार प्रति वर्ष कर लाभ प्राप्त करने हेतु:- राज्य के जो परिवार नि:शुल्क पात्र परिवार की श्रेणी में नहीं आते हैं तथा सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी नहीं हैं तथा चिकित्सा परिचर्या नियमावली के अन्तर्गत लाभ नहीं ले रहे हैं वे निर्धारित प्रीमियम का 50 प्रतिशत यानी प्रति परिवार प्रति वर्ष 850 रुपये का भुगतान करके योजना का लाभ उठा सकते हैं।। शेष 50 प्रतिशत प्रीमियम सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
योजना के तहत पात्र परिवारों को दो श्रेणियों में बांटा गया है-
योजनान्तर्गत पंजीयन की प्रक्रिया योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु लाभार्थी को योजना में पंजीयन कराना होगा जो 1 अप्रैल 2021 से प्रारम्भ की गयी है। श्रेणीवार पंजीयन की प्रक्रिया निम्न प्रकार है-
1. निःशुल्क लाभार्थी वर्ग हेतु पंजीयन प्रक्रिया-
1.1 खाद्य सुरक्षा अधिनियम के पात्र परिवार एवं सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के पात्र परिवार योजनान्तर्गत पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं। इसलिए उन्हें पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
1.2 लाभार्थी को योजना के पंजीयन पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक होगा जिसका लिंक योजना की अधिकारिक वेबसाइट https://chiranjeevi.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है। पंजीकरण के लिए लाभार्थी अपनी एसएसओ आईडी ऑनलाइन या ई-मित्र केंद्र पर जाकर पंजीकृत करवा सकते हैं।
1.3 पंजीकरण के लिए लाभार्थी के पास जन आधार कार्ड/जन आधार कार्ड संख्या/जन आधार कार्ड पंजीकरण रसीद संख्या एवं आधार कार्ड संख्या होना आवश्यक है।
1.4 पंजीकरण से पहले आवेदक के आधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नंबर पर ओटीपी। ई-ऑथेंटिकेशन किया जाएगा जिसके जरिए आवेदक का आधार कार्ड/आधार कार्ड नंबर होना जरूरी है।
1.5 संविदा कर्मियों की योजना में पंजीयन हेतु आवेदन का संबंधित विभाग के नोडल अधिकारी द्वारा ऑनलाइन सत्यापन किया जायेगा एवं नियमित रूप से अद्यतन किया जायेगा।
1.6 लघु एवं सीमांत कृषक जो जन आधार कार्ड से नहीं जुड़े हैं, वे ई-मित्र के माध्यम से जन आधार पोर्टल पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार जन आधार कार्ड में भूमि की सीडिंग करा सकेंगे। सीडिंग के बाद परिवार को योजना के उपरोक्त पंजीयन पोर्टल पर ऑनलाइन/ई-मित्र के माध्यम से ही पंजीयन कराया जा सकता है।
1.7 सफल पंजीकरण के बाद, लाभार्थी पॉलिसी दस्तावेज़ को प्रिंट करने में सक्षम होगा।
2. प्रति परिवार प्रति वर्ष 850/- रुपये भुगतान कर लाभ प्राप्त करने वाली श्रेणी:-
2.1 लाभार्थी को योजना के पंजीयन पोर्टल पर ऑनलाइन अथवा ई मित्र के माध्यम से अपना पंजीयन कराना आवश्यक होगा। इन लाभार्थियों को संबंधित ई मित्र केंद्र या डिजिटल भुगतान मोड के माध्यम से प्रीमियम राशि के रूप में प्रति परिवार प्रति वर्ष 850 रुपये का भुगतान करना होगा। सफल पंजीकरण के बाद, लाभार्थी पॉलिसी दस्तावेज़ को प्रिंट करने में सक्षम होगा।
2.2 ई-मित्र अथवा स्वयं द्वारा योजनान्तर्गत पंजीयन की चरणवार विस्तृत प्रक्रिया योजना की वेबसाइट https://chiranjeevi.rajasthan.gov.in/ पर उपलब्ध है।
2.3 पंजीकरण शुल्क: दोनों श्रेणियों के लाभार्थियों को ई मित्र केंद्र पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। पंजीकरण के लिए सफल आवेदन का शुल्क, प्रीमियम
योजनान्तर्गत लाभ लेने की प्रक्रिया- योजनान्तर्गत निःशुल्क उपचार का लाभ लेने हेतु निम्न चरणों का पालन किया जायेगा-
1. किसान (लघु और सीमांत) (नि: शुल्क) - 1,291,538
2. संविदा कर्मचारी (सभी विभाग/बोर्ड/निगम/सरकारी कंपनियां)
(नि: शुल्क) - 52,495
3. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) (नि: शुल्क)- 10,779,044
4. सामाजिक आर्थिक जनगणना के पात्र परिवार (एसईसीसी 2011) (नि: शुल्क) - 8,059
5. निराश्रित एवं असहाय परिवार - कोविड-19 अनुग्रह राशि (नि: शुल्क) - 341,798
6. निःशुल्क श्रेणी के अलावा अन्य सभी परिवार रु. 850/- प्रति परिवार प्रति वर्ष - 1,146,928
7. अब तक पंजीकृत व लाभान्वित लाभार्थी परिवार -13,619,862
8. अब तक पंजीकृत व लाभान्वित लाभार्थी परिवार - 2,809,176
योजना से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. चिरंजीवी योजना में कौन शामिल हो सकता है?
उत्तर - इस योजना से राजस्थान का हर परिवार जुड़ सकता है। सरकारी कर्मचारियों के परिवार को इस योजना से जुड़ने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनके लिए राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना लाई गई है ।
प्रश्न 2. चिरंजीवी योजना में कौन शामिल हो सकता है?
उत्तर - इस योजना से राजस्थान का हर परिवार जुड़ सकता है। सरकारी कर्मचारियों के परिवार को इस योजना से जुड़ने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनके लिए राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना लाई जा रही है।
प्रश्न 3. मैं राज्य सरकार के अधीन काम करने वाला एक संविदा कर्मचारी हूं। क्या मुझे योजना का लाभ लेने के लिए कोई पंजीकरण करना होगा?
उत्तर - जी हां, राज्य के सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों को योजना का लाभ ऑनलाइन लेने के लिए योजना की अधिकारिक वेबसाइट www.health.rajasthan.gov.in/mmcsby पर उपलब्ध लिंक पर या ई-मित्र केंद्र पर जन आधार कार्ड नंबर/जन आधार कार्ड की रजिस्ट्रेशन रसीद के जरिए आपको अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन 1 अप्रैल 2021 से शुरू हो चुका है।
प्रश्न 4. ई-मित्र पर कितना शुल्क देना होता है?
उत्तर - ई मित्र केंद्र पर लाभार्थी को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होता है। पंजीकरण के लिए सफल आवेदन का शुल्क, प्रीमियम जमा करने का शुल्क और पूर्व-मुद्रित कागज पर पॉलिसी दस्तावेज़ की छपाई का शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
प्रश्न 5. चिरंजीवी योजना में पंजीयन हो जाने के बाद यदि किसी लाभार्थी को परिवार के किसी सदस्य का नाम जोड़ना या हटाना है तो क्या प्रक्रिया होगी ?
उत्तर - इसके लिए जनाधार कार्ड में संशोधन ई-मित्र केंद्र पर जाकर किया जा सकता है।
प्रश्न 6. चिरंजीवी योजना में कोई सामान्य वर्ग का व्यक्ति रुपये 850/- की श्रेणी में अपने परिवार के रजिस्ट्रेशन कराने ई-मित्र पर आता है तो क्या उसे रुपये 850/- रजिस्ट्रेशन करवाने के दौरान ही देने होंगे अथवा वह रुपये बाद में भी जमा करवा सकता है?
उत्तर - चिरंजीवी योजना में जिन श्रेणी के परिवारों को 850 रुपये प्रीमियम राशि देनी है वो ई-मित्र केन्द्र पर रजिस्ट्रेशन के समय ही देनी होगी।
प्रश्न 7. आवेदक को कैसे पता चलेगा कि उसका पंजीकरण चिरंजीवी योजना में हो गया है ? अब उसे इसका लाभ कैसे मिल सकता है? क्या आवेदक को इसके लिए कोई संदेश प्राप्त होगा या वह अपना नाम किसी वेबसाइट पर लाभार्थियों की सूची में देख सकता है ? या उसे डाक द्वारा बीमा प्रमाणपत्र प्राप्त होगा?
उत्तर - चिरंजीवी योजना में पंजीकरण होने पर आवेदक को ई-मित्र केंद्र द्वारा एक पॉलिसी पेपर दिया जाएगा।
प्रश्न 8. जिस परिवार/व्यक्ति ने पहले किसी निजी कंपनी से स्वास्थ्य बीमा लिया हो, क्या वह भी चिरंजीवी योजना का लाभ ले सकता है?
उत्तर - हां, चिरंजीवी योजना में पंजीकरण कराने के बाद उन्हें भी लाभ मिलेगा।
प्रश्न 9. मैं एक छोटा और सीमांत किसान हूं लेकिन एनएफएसए में पात्र नहीं हूं। योजना का लाभ लेने के लिए मुझे क्या करना होगा?
उत्तर - लघु एवं सीमांत कृषक परिवारों का ई-मित्र के माध्यम से पंजीयन कराना आवश्यक है। उपरोक्त पंजीयन हेतु लाभार्थी के पास जन आधार कार्ड/जन आधार कार्ड संख्या/जन आधार कार्ड पंजीयन रसीद संख्या एवं आधार कार्ड संख्या होना आवश्यक है।
प्रश्न 10. मैं एक छोटा और सीमांत किसान हूं लेकिन मेरा जनाधार कार्ड नहीं बना है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए मुझे क्या करना होगा?
उत्तर - लघु एवं सीमांत कृषक, जिनके पास जन आधार कार्ड नहीं है, ई-मित्र के माध्यम से जन आधार पंजीयन करा सकते हैं तथा जन आधार पंजीयन रसीद के आधार पर योजना से पंजीयन कराकर लाभ ले सकते हैं।
प्रश्न 11. मेरा परिवार खाद्य सुरक्षा अधिनियम, सामाजिक-आर्थिक जनगणना, ठेका मजदूर एवं लघु सीमांत कृषक श्रेणी में नहीं आता है। मुझे योजना का लाभ कैसे मिलेगा?
उत्तर - ऐसे परिवार जो उपरोक्त 4 श्रेणियों में शामिल नहीं हैं और केंद्र और राज्य सरकार के मेडिक्लेम/मेडिकल अटेंडेंस नियमों के तहत लाभान्वित नहीं हैं, वे प्रति परिवार प्रति वर्ष 850 रुपये की प्रीमियम राशि का भुगतान करके योजना में शामिल हो सकते हैं।
प्रश्न 12. क्या उपचार के दौरान मुझसे किसी प्रकार की राशि ली जाएगी?
उत्तर - नहीं। इस योजना के तहत सभी सुविधाएं पूरी तरह से मुफ्त (कैशलेस) हैं।
प्रश्न 13. योजना के तहत लाभार्थी के उपचार में क्या शामिल है ?
उत्तर - योजनान्तर्गत लाभार्थी को रोगों के पैकेज में निम्नलिखित चिकित्सा सुविधाएँ सम्मिलित हैं- *पंजीकरण शुल्क* बिस्तर व्यय *प्रवेश व्यय एवं नर्सिंग व्यय* शल्य चिकित्सा, निश्चेतना विशेषज्ञ एवं सामान्य चिकित्सा का परामर्श शुल्क *एनेस्थीसिया, रक्त, ऑक्सीजन का ओ.टी. आदि *दवाओं पर व्यय* एक्स-रे व जांच आदि पर व्यय *अस्पताल के स्टाफ व मरीजों को संचारी रोगों से बचाने के लिए आवश्यक उपकरण/उपायों पर व्यय* योजना के अंतर्गत आईपीडी प्रक्रिया 05 के लिए परामर्श, जांच व दवाइयां भी शामिल हैं चिकित्सा प्रक्रिया से 15 दिन पहले और अस्पताल से छुट्टी के 15 दिन बाद।
प्रश्न 14. इस योजना के तहत बीमा कवरेज राशि क्या है?
उत्तर - इस योजना में सामान्य बीमारियों और गंभीर बीमारियों के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 10 लाख तक का बीमा कवर दिया जाएगा।
माननीय मुख्यमंत्री जी की वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अनुसार स्वास्थ्य बीमा कवर को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख प्रति परिवार प्रति वर्ष कर दिया गया है।
प्रश्न 15. मेरा परिवार ठेका श्रमिकों और लघु सीमांत किसानों दोनों के तहत पात्र है, तो क्या मुझे 10 लाख रुपये का कवर मिलेगा?
उत्तर - बीमा राशि/बीमित राशि/वॉलेट :- माननीय मुख्यमंत्री जी की वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अनुसार स्वास्थ्य बीमा कवर को प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया गया है।
प्रश्न 16. क्या जिनके पास भामाशाह कार्ड है उन्हें भी जन आधार कार्ड बनवाना होगा ?
उत्तर - नहीं। पूर्व में जारी भामाशाह कार्डों के स्थान पर राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क जन-आधार कार्ड वितरित किए गए हैं। नए कार्ड के लिए आवेदन करने वाले परिवारों को जन आधार कार्ड जारी किया जाता है।
प्रश्न 17. मेरे परिवार के कौन से सदस्य इसका लाभ उठा सकते हैं? यह रकम परिवार के एक सदस्य के लिए है या पूरे परिवार के लिए?
उत्तर - योजना की बटुआ राशि पूरे परिवार के लिए है। परिवार के सभी सदस्य जिनका नाम परिवार की महिला मुखिया के जन आधार कार्ड में दर्ज है, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
प्रश्न 18. यदि उपचार के बाद राशि बच जाती है, तो क्या इसे अगले वर्ष उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर - नहीं, यह राशि केवल एक पॉलिसी वर्ष के लिए है। यदि राशि बची रहती है, तो यह योजना के प्रारंभ से एक वर्ष के अंत में स्वतः समाप्त हो जाती है। अगले साल नए सिरे से 10 लाख का बीमा कवर दिया जाएगा।
प्रश्न 19. अस्पताल में मरीज की पहचान कैसे करें?
उत्तर - अस्पताल में बायोमीट्रिक मशीन से प्राथमिकता के आधार पर मरीज की पहचान की जाएगी। अगर पहली कोशिश में बायोमेट्रिक्स से पहचान संभव न हो तो कम से कम तीन बार अंगुलियां बदलकर कोशिश करना जरूरी है। सॉफ्टवेयर आपके द्वारा किए गए प्रयासों की संख्या की गणना करेगा। - यदि तीन प्रयासों के बाद भी बायोमेट्रिक्स के माध्यम से रोगी की पहचान संभव नहीं है, तो निम्नलिखित फोटो दस्तावेजों में से एक के आधार पर रोगी की पहचान की पुष्टि की जाएगी और संबंधित फोटो आईडी की स्कैन प्रति रोगी को भेजी जाएगी। TID पीढ़ी ही। लाइव फोटो के साथ अपलोड किया जाएगा। फोटो पहचान के वैकल्पिक दस्तावेज जन-आधार कार्ड/भामाशाह कार्ड अगर उसमें मरीज की फोटो उपलब्ध है। - फोटो युक्त परिवार का राशन कार्ड, जिसमें मरीज की फोटो हो। रोगी की तस्वीर के साथ ड्राइविंग लाइसेंस रोगी की तस्वीर के साथ पैन कार्ड रोगी की तस्वीर के साथ आधार कार्ड चुनाव आयोग द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र।
प्रश्न 20. क्या योजना से जुड़ा कोई अस्पताल मुझे मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ से वंचित कर सकता है?
उत्तर - नहीं। सम्बद्ध अस्पताल योजनान्तर्गत लाभ देने से मना नहीं करेगा, केवल निम्नलिखित परिस्थितियों में ही इंकार किया जा सकता है:- 1. उस अस्पताल में इलाज के लिए विशेषज्ञ सुविधा उपलब्ध नहीं है। 2. यदि संबंधित बीमारी के लिए अस्पताल द्वारा पैकेज का चयन नहीं किया जाता है। 3. यदि आपके पारिवारिक बटुए में पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं है।
प्रश्न 21. मेरे परिवार के बटुए में 18000 रुपये उपलब्ध हैं लेकिन इलाज के लिए मेरा पैकेज 35000 रुपये है। क्या मैं अतिरिक्त राशि जमा करके योजना के तहत अस्पताल में इलाज करा सकता हूं?
उत्तर - हाँ। पैकेज वॉलेट में उपलब्ध राशि से अधिक होने पर अस्पताल में अंतर की राशि जमा कर उपचार किया जा सकता है।
प्रश्न 22. इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी कितनी बार इलाज करवा सकता है ?
उत्तर - परिवार के बटुए में शेष राशि उपलब्ध होने तक लाभार्थी परिवार एक पॉलिसी वर्ष में कितनी भी बार इस योजना में उपचार करवा सकता है।
प्रश्न 23. मुझे योजना में शामिल पैकेजों के बारे में जानकारी कहां से मिल सकती है?
उत्तर - उक्त जानकारी योजना की वेबसाइट www.health.rajasthan.gov.in/mmcsby पर उपलब्ध है। यह जानकारी टोल फ्री नंबर 1800-180-6127 या संबंधित अस्पताल के हेल्थ गाइड से भी प्राप्त की जा सकती है।
प्रश्न 24. योजना से सम्बद्ध अस्पतालों की जानकारी कहाँ से प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर - उपरोक्त जानकारी योजना की वेबसाइट https://chiranjeevi.rajasthan.gov.in/#/home पर उपलब्ध है। यह जानकारी टोल फ्री नंबर 181 से भी प्राप्त की जा सकती है।
उक्त जानकारी योजना की वेबसाइट www.health.rajasthan.gov.in/mmcsby पर भी उपलब्ध है। यह जानकारी टोल फ्री नंबर 1800-180-6127 से भी प्राप्त की जा सकती है।
प्रश्न 25. क्या योजना का लाभ लेने के लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है?
उत्तर - रुटीन वार्ड पर डे पैकेज और आईसीयू पर डे पैकेज का लाभ लेने के लिए 24 घंटे भर्ती रहना जरूरी है। इसके अलावा, कुछ पैकेजों में निर्दिष्ट समय सीमा के अनुसार रोगी को अस्पताल में भर्ती करना होगा।
प्रश्न 26. यदि अस्पताल योजना में पंजीकरण के बावजूद उपचार राशि की मांग करता है या यदि अस्पताल बटुए में पर्याप्त राशि होने पर भी योजना का लाभ देने से इनकार करता है तो क्या कार्रवाई की जा सकती है?
उत्तर - जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला शिकायत निवारण समिति के नोडल अधिकारी उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से/ई-मेल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 181 और 1800-180-6127 पर भी शिकायत की जा सकती है।
प्रश्न 27. रोगी को उस राशि के बारे में जानकारी कैसे मिलेगी जिसके लिए अस्पताल द्वारा रोगी का इलाज किया गया था और अधिक राशि के लिए दावा नहीं किया गया है?
उत्तर - जितने इलाज की बुकिंग की गई है, उसके लिए आपके फोन नंबर पर एक संदेश भेजा जाएगा, इसलिए आपको प्रवेश के समय अपना फोन नंबर अवश्य लिख लेना चाहिए।
प्रश्न 28. चिरंजीवी योजना में नया क्या है?
उत्तर - चिरंजीवी योजना पूर्व में चल रही भामाशाह योजना से इस प्रकार भिन्न है- पात्र परिवार - भामाशाह योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के पात्र परिवारों (राज्य के 98 लाख परिवार) को ही लाभ मिल रहा था जबकि चिरंजीवी योजना में प्रत्येक राज्य का परिवार लाभ उठा सकता है। प्रीमियम - पिछली योजना में, सरकार केवल एनएफएसए के पात्र परिवारों के लिए प्रीमियम वहन कर रही थी। चिरंजीवी में एनएफएसए के साथ-साथ सरकार सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011 के पात्र परिवारों, छोटे और सीमांत किसानों, राज्य सरकार के सभी अनुबंध श्रमिकों और कोरोना के दौरान वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले परिवारों को पूर्ण बीमा प्रीमियम दे रही है। इसके अलावा सरकार अन्य परिवारों के लिए भी प्रीमियम का एक बड़ा हिस्सा चुका रही है। बीमा कवरेज - पिछली योजना में रु. गंभीर बीमारियों के लिए 3 लाख और सामान्य बीमारियों के लिए रु 30 हजार यानी कुल रु. 3.30 लाख का स्वास्थ्य बीमा मिलता था, जबकि चिरंजीवी योजना में 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज का लाभ दिया जा रहा है।
प्रश्न 29. कैशलेस इलाज क्या है?
उत्तर - कैशलेस इलाज में आपको अस्पताल में एक भी पैसा नहीं देना होता है। एडमिट होने से लेकर डिस्चार्ज होने तक, उस बीमारी से जुड़ी दवाएं, टेस्ट, डॉक्टर की फीस, ये सब कैशलेस इलाज में शामिल है.
प्रश्न 30. फ्री और कैशलेस इलाज में क्या अंतर है?
उत्तर - फ्री इलाज के लिए आपको पैसे देने होते हैं और कुछ समय बाद आपको उसका रिफंड मिल जाता है, जबकि कैशलेस में आपको कोई पैसा नहीं देना होता है।
प्रश्न 31. क्या ओपीडी में भी कैशलेस इलाज का लाभ मिलता है?
उत्तर - चिरंजीवी योजना का लाभ केवल आईपीडी पर मिलता है। वैसे तो ओपीडी में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना एवं मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना का लाभ आमजन को पहले ही मिल रहा है।
प्रश्न 32. योजना में शामिल होने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता है?
यो उत्तर - जना में पंजीकरण के लिए आपके पास या तो जन आधार कार्ड, जन आधार कार्ड नंबर या जन आधार पंजीकरण रसीद होनी चाहिए। इसलिए यदि आपने अभी तक जन आधार के लिए नामांकन नहीं कराया है तो चिरंजीवी में पंजीकरण करने से पहले आप जन आधार को ई-मित्र पर पंजीकृत करवा लें।
प्रश्न 33. चिरंजीवी योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कहा से करा सकते है ?
उत्तर - आप योजना की वेबसाइट chiranjeevi.rajasthan.gov.in पर जाकर या ई-मित्र केंद्र पर जाकर अपना नि:शुल्क चिरंजीवी पंजीकरण करवा सकते हैं। पंजीकरण के लिए, आपके पास जन आधार कार्ड, जन आधार कार्ड नंबर या जन आधार नामांकन रसीद होनी चाहिए। इसलिए यदि आपने अभी तक जन आधार के लिए नामांकन नहीं कराया है तो चिरंजीवी में पंजीकरण करने से पहले आप जन आधार को ई-मित्र पर पंजीकृत करवा लें।
प्रश्न 34. योजना में प्रीमियम राशि क्या है?
उत्तर - इन परिवारों को कोई प्रीमियम नहीं देना पड़ता है क्योंकि उनका पूरा प्रीमियम राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है - राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के पात्र परिवार सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के पात्र परिवार छोटे और सीमांत किसान राज्य सरकार कोरोना अवधि के दौरान वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले शेष परिवारों के लिए भी सरकार प्रीमियम का एक बड़ा हिस्सा बढ़ा रही है। उसे केवल 850 रुपये का वार्षिक प्रीमियम देना होगा।
प्रश्न 35. मुझे कैसे पता चलेगा कि यह पंजीकृत किया गया है?
उत्तर - चिरंजीवी योजना में रजिस्ट्रेशन कराने पर आपको एक पॉलिसी लेटर मिलता है। पंजीकरण के बाद आप इस नीति पत्र को स्वयं डाउनलोड कर सकते हैं या ई-मित्र से डाउनलोड करवा सकते हैं।
प्रश्न 36. अगर मुझे उपचार की आवश्यकता हो तो मैं क्या करूँ?
उत्तर - जरूरी नहीं कि सभी अस्पताल चिरंजीवी से जुड़े हों। यह भी जरूरी नहीं है कि चिरंजीवी से जुड़ा हर अस्पताल हर बीमारी का इलाज करे। इसलिए, उपचार की आवश्यकता होने पर, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि आप उस अस्पताल में जाएँ जो योजना से संबद्ध है और जहाँ आपकी बीमारी का भी इलाज किया जाता है। आप किसी गलत अस्पताल में न जाएं, इसलिए अस्पताल जाने से पहले योजना की वेबसाइट chiranjeevi.rajasthan.gov.in पर जाएं या 181 पर कॉल करके उस अस्पताल की जानकारी लें जहां आपकी बीमारी का इलाज हो सकता है। सही अस्पताल में जाकर आपको चिरंजीवी के हेल्प डेस्क काउंटर पर चिरंजीवी-मित्रा से मिलना होगा।
प्रश्न 37. कौन हैं ये चिरंजीवी-दोस्त?
उत्तर - योजना से जुड़े हर अस्पताल में आपकी मदद के लिए चिरंजीवी का हेल्प डेस्क काउंटर बनाया गया है। इस हेल्प डेस्क काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों को चिरंजीवी मित्र कहा जाता है। ये चिरंजीवी-मित्र आपके जन-आधार नंबर से सिस्टम में आपके परिवार की जानकारी चेक करते हैं। अपने बायोमेट्रिक्स को पहचानें और भर्ती होने से लेकर डिस्चार्ज होने तक हर संभव तरीके से आपकी सहायता करें। अस्पताल में कोई परेशानी हो तो आप उन्हें बता सकते हैं।
प्रश्न 38. अस्पताल में सिर्फ मरीज को ही बायोमेट्रिक्स करना होता है या कोई सदस्य कर सकता है?
उत्तर - अस्पताल में भर्ती के समय मरीज को बायोमीट्रिक ही कराना होगा। लेकिन आपातकालीन स्थिति में जब रोगी बायोमेट्रिक करने में असमर्थ हो या एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे के मामले में, पहचान की यह प्रक्रिया प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के अनुमोदन दस्तावेज के साथ की जाती है।
प्रश्न 39. बटुआ आपके परिवार के पर्स (बटुए) की तरह होता है जिसमें सरकार ने 10,00,000 रुपये रखे हैं। जैसे-जैसे आप इलाज कराते जाते हैं, इस पर्स से आपकी राशि कम होती जाती है।
उत्तर - बटुआ:- माननीय मुख्यमंत्री जी की वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अनुसार स्वास्थ्य बीमा कवर 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख प्रति परिवार प्रति वर्ष किया गया है।
प्रश्न 40. क्या चिरंजीवी योजना के पात्र परिवारों को राजस्थान के बाहर इलाज का लाभ प्राप्त करने का प्रावधान है ? या निकट भविष्य में ऐसी कोई सुविधा मिलने की संभावना है?
उत्तर - यह अभी प्रक्रियाधीन है।
प्रश्न 41. इलाज के पांच दिन पहले और पंद्रह दिन बाद तक उस बीमारी से जुड़े खर्च का रिफंड कैसे मिलेगा?
उत्तर - जिस अस्पताल में आप भर्ती हैं, यदि आपने प्रवेश से पहले उसी अस्पताल में खुद को दिखाया था, तो आप चिरंजीवी मित्रा को प्रवेश से 5 दिन पहले तक परीक्षा के बिल, दवाइयां, डॉक्टर की फीस आदि दे सकते हैं। इसका रिफंड आपको चेक के रूप में या सीधे आपके बैंक खाते में मिल जाएगा। डिस्चार्ज होने के बाद भी अगर 15 दिन के बाद कोई जांच, दवा आदि खर्च होता है तो ये बिल आपको चिरंजीवी मित्र को चुकाने होंगे। इसका रिफंड भी आपको चेक के रूप में या सीधे आपके बैंक खाते में मिल जाएगा। लेकिन अगर आप अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिनों से पहले किसी अन्य अस्पताल या क्लिनिक में उपस्थित हुए हैं या परीक्षण करवाया है, तो इसे ओपीडी माना जाएगा और आपको यह रिफंड नहीं मिलेगा क्योंकि चिरंजीवी लाभ केवल आईपीडी पर लागू होता है।
प्रश्न 42. चिरंजीवी का संबंध किस अस्पताल से है, किस पैकेज पर चिन्हित है, यह जानकारी कैसे/कहां उपलब्ध है?
उत्तर - यह जानकारी योजना की वेबसाइट chiranjeevi.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है। योजना से संबद्ध अस्पतालों की जिलेवार सूची वेबसाइट पर दी गई है। इस सूची के अंतिम कॉलम में उस अस्पताल में किए जाने वाले उपचारों और प्रक्रियाओं की सूची है। आप 181 पर कॉल करके भी इसकी जानकारी ले सकते हैं। अस्पताल जाने से पहले आपको यह जानकारी जरूर होनी चाहिए ताकि आप गलत अस्पताल न जाएं।
| क्र.सं. | नाम | पद | संपर्क नंबर | ईमेल |
|---|---|---|---|---|
| 1 | श्रीमती शुचि त्यागी, आईएएस | सीईओ, आरएसएचएए | 0141-2200611 | ceo-rshaa@gov.in |
| 2 | डॉ खुशाल यादव, आईएएस | संयुक्त सीईओ, आरएसएचएए | 0141- 2200113 | jceo-rshaa@gov.in |
| 3 | डॉ गौरव सैनी, आईएएस | सहायक सीईओ, आरएसएचएए | 0141- 2205160 | aceo.rshaa@rajasthan.gov.in |
| निदेशक | ||||
| 1 | श्री लक्ष्मण प्रसाद कोली | कार्यकारी निदेशक वित्त, आरएसएचएए | 0141- 2200113 | raj-rshaa@gov.in |
| 2 | सुश्री सरिता मल्होत्रा | कार्यकारी निदेशक एसएएफयू, आरएसएचएए | 0141- 2200113 | safu.rshaa@rajasthan.gov.in |
| 3 | सुश्री स्नेहलता हरित | कार्यकारी निदेशक शिकायत, आरएसएचएए | 014129- 23241 | edg.rshaa@rajasthan.gov.in |
| 4 | श्री तपन कुमार | कार्यकारी निदेशक आईटी, आरएसएचएए | 0141- 2200113 | edit.rshaa@rajasthan.gov.in |
| 5 | श्री राजकुमार शिवानी | कार्यकारी निदेशक नीति, आरएसएचएए | 014129- 23243 | edp.rshaa@rajasthan.gov.in |
| 6 | डॉ. राजेश जंडू | कार्यकारी निदेशक चिकित्सा, आरएसएचएए | 0141- 2200113 | edm.rshaa@rajasthan.gov.in |
| नीति संबंधी मामलों के लिए | ||||
| 1 | श्री ज्ञान शर्मा | सलाहकार-कार्यक्रम प्रबंधन, आरएसएचएए | 0141-2200113 | raj-rshaa@gov.in |
| 2 | सुश्री आचू अग्रवाल | कार्यक्रम अधिकारी, एमएम-सीएसबीवाई | 0141-2200113 | raj-rshaa@gov.in |
| प्रथम अपील के लिए (अस्वीकृत दावे) | ||||
| 1 | श्री बुद्धि वर्धन | कार्यक्रम अधिकारी- स्वास्थ्य बीमा, आरएसएचएए | 0141-2200113 | raj-rshaa@gov.in |
| 2 | सुश्री आचू अग्रवाल | कार्यक्रम अधिकारी, एमएम-सीएसबीवाई | 0141-2200113 | raj-rshaa@gov.in |
| पैकेज संबंधी प्रश्नों के लिए | ||||
| 1 | डॉ होती लाल गुप्ता | एमओ, आरएसएचएए | 0141-2200113 | raj-rshaa@gov.in |
| 2 | डॉ. आयुष वर्मा | एमओ, आरएसएचएए | 0141-2200113 | raj-rshaa@gov.in |
| 4 | डॉ. यशवंत चौहान | एमओ, आरएसएचएए | 0141-2200113 | raj-rshaa@gov.in |
| सॉफ्टवेयर संबंधी मामलों के लिए | ||||
| 1 | श्री रवींद्र सिंह | सलाहकार-आईटी, आरएसएचएए | 0141-2200113 | itcell-rshaa@gov.in |
| 2 | श्री दिनेश मेहला | सेवा परियोजना अभियंता, आरएसएचएए | 9460635728 | |
| 4 | श्री रामेश्वर लाल | एपी, आरएसएचएए | 0141-2200113 | RSHAAIT@RAJASTHAN.GOV.IN |
| 5 | बॉयोमीट्रिक्स और वेबकैम टीम | 181 डायल करें | bsby@drit.in | |
| नए चरण (एमएम-सीएसबीवाई) के लिए दावा संबंधित पूछताछ के लिए | ||||
| 1 | श्री रंजन सक्सेना | प्रबंधक, एमएम-सीएसबीवाई परियोजना प्रबंधन कार्यालय, द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 0141- 2609838 | रंजन.सक्सेना@newindia.co.in |
| 2 | श्री रामावतार जी शर्मा | प्रबंधक, एमएम-सीएसबीवाई परियोजना प्रबंधन कार्यालय, द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 0141- 2609693 | ram.sharma@newindia.co.in |
| 3 | सुश्री प्रीति परमार | प्रबंधक, एमएम-सीएसबीवाई परियोजना प्रबंधन कार्यालय, द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 0141- 2617965 | priti.parmar@newindia.co.in |
| 4 | हेल्पलाइन नंबर एनआईए कार्यालय (एबी-एमजीआरएसबीवाई) | प्रबंधक, एमएम-सीएसबीवाई परियोजना प्रबंधन कार्यालय, द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 0141 - 2609604 | priti.parmar@newindia.co.in |

Post a Comment
0 Comments