Rajasthan PanchayatI Raj niyam 1996 (Adhyaay 4 Sadasyon ke Bhatte Ityadi)
Discover the provisions of the Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996 Adhyay 4, focusing on member allowances and entitlements for effective governance.
राजस्थान पंचायती राज नियम 1996
सदस्यों के भत्ते इत्यादि
27. सदस्यों इत्यादि को भत्तों का संदाय - समस्त भत्ते संबंधित पंचायती राज संस्था की निजी आय में से संदत्त किये जायेंगे।
28. भत्तों की दरें - पंचायती राज संस्था के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को सम्मिलित करते हुए ऐसी संस्था के सदस्य को मानदेय और बैठक भत्ता ऐसी दरों पर देय होगा जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाये।
मानदेय दरें
राजस्थान पंचायतीराज नियम 1996 के नियम 27 से 30 के अनुसार प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पूर्व में जारी अधिसूचना क्रमांकः एफ.951 (19) (41) परावि/ लेखा/ नि.आ./ जिला परिषद/ सुविधा/ 7204 दिनांक 11.10.2017 द्वारा पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को देय-मानदेय एवं पूर्व में जारी अधिसूचना क्रमांकः एफ.951 (19) (41) परावि/ लेखा/ नि.आ./ बजट घोषणा / 2012-13/ 2494 दिनांक 01.04.2013 द्वारा पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को देय-मानदेय की दरों में माननीय मुख्यमंत्री की बजट घोषणा वर्ष 2022-23 के अनुसार निम्न संशोधन किया जाता है-
मानदेय दरें
जन प्रतिनिधि
का पद नाम वर्तमान में देय मानदेय दर रू. प्रतिमाह संशोधित मानदेय दर रू. प्रतिमाह
1 2 3
जिला प्रमुख, जिला परिषद 10000 12000
प्रधान, पंचायत समिति 7000 8400
सरपंच, ग्राम पंचायत 4000 4800
बैठकों भत्तों कीे दरें‘‘
जनप्रतिनिधि का पद नाम वर्तमान देय राशि संशोधित बैठक भत्ता की दर रू. प्रतिमाह
1 2 3
सदस्य, जिला परिषद 500 600
सदस्य, पंचायत समिति 350 420
सदस्य, ग्राम पंचायत 200 240
जनप्रतिनिधियों को देय मानदय एवं बैठक भत्तों का भुगतान राज्य वित्त आयोग के तहत मिलने वाले राशि से किया जायेगा
29. दैनिक भत्ता - किसी पंचायती राज संस्था के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को सम्मिलित करते हुए ऐसी संस्था का सदस्य जब कभी वह किसी बैठक या पदीय कार्य में ऐसी पंचायती राज संस्था जिसका कि वह सदस्य या अध्यक्ष या उपाध्यक्ष हो, उसके क्षेत्र के बाहर भाग लें, ऐसी दरों पर दैनिक भत्ते का हकदार होगा, जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाये।
1(1) पंचायत समिति/ जिला परिषद का सदस्य मय उनके अध्यक्ष या उपाध्यक्ष निम्न दरों पर दैनिक भत्ता प्राप्त करने के हकदार होंगे जब-जब वे बैठक में भाग लेेंवे अथवा अन्य शासकीय कार्य में हिस्सा लें-
परन्तु जब वे अपनी पंचायत समिति/ जिला परिषद क्षेत्र से बाहर जायेंगे-
(अ) ऐसे दिन के लिए कोई दैनिक भत्ता देय नहीं होगा जब उस स्थान पर ठहराव आठ घण्टे से कम हो। यदि यात्रा पंचायत समिति / जिला परिषद के वाहन से की जाये तो आठ घंटे से अधिक समय की यात्रा हेतु पूरी दर पर दैनिक भत्ता और 4 घण्टे से अधिक समय की यात्रा हेतु आधी दर पर दैनिक भत्ता प्राप्त करने का हकदार होगा।
(ब) प्रधान/प्रमुख को पंचायत समिति/ जिला परिषद मुख्यालय पर तथा उसके सामान्य आवास के स्थान पर कोई दैनिक भत्ता देय नहीं होगा।
(स) पंच/ सरपंच को पंचायत सर्किल के अन्दर कोई दैनिक भत्ता देय नहीं होगा।
क्र.सं. पद राजस्थान में जयपुर के जयपुर एवं अन्य राज्यों की दिल्ली, मुम्बई, चैन्नई, अलावा एवं राजस्थान राजधानियों के लिए (रू.) कलकत्ता एवं अन्य महानगरों के बाहर (रू.) के लिए(रू.) के लिए(रू.)
1. सरपंच 32 40 55
2. उप-सरपंच 32 40 55
3. प्रधान 65 80 100
4. उप-प्रधान 65 70 100
5. सदस्य, पंचायत समिति 55 60 80
6. प्रमुख 75 85 106
7. उप-प्रमुख 75 85 106
8. सदस्य, जिला परिषद 70 80 85
(2) राज्य सरकार या जिला परिषद द्वारा आयोजित प्रशिक्षण, या विमर्श गोष्ठी या सम्मेलन में उपस्थित होने के लिए भी दैनिक भत्ता देय होगा परन्तु यदि निशुल्क भोजन एवं आवास व्यवस्था हो तो दैनिक भत्ता एक चौथाई दर पर ही होगा।
[आदेश एफ 4(1) एल, एण्ड, जे. /आर डी.पी./95/3478 दिनांक 3.10.95]
30. यात्रा भत्ता - यदि नियम 28 में यथा-उल्लिखित कोई भी व्यक्ति उस नियम में विनिर्दिष्ट किन्हीं भी प्रयोजनों के लिए कोई यात्रा करता है तो वह तद्धीन उसे अनुज्ञेय दैनिक भत्ते के अतिरिक्त निधियों में से दोनों ओर की यात्रा के लिए यात्रा भत्ता प्राप्त करने का हकदार भी होगा, जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जावे।
31. भत्तों के दावे - (1) नियम 28 और 30 के अधीन अनुज्ञेय दैनिक और यात्रा भत्तों के लिए कोई दावा प्रपत्र सं.3 में लिखित में किया जायेगा।
(2) यात्रा और दैनिक भत्ते का दावा करने वाला कोई व्यक्ति इसके लिए अपने दावे पर निम्नलिखित प्रमाण-पत्र अभिलिखित करेगाः-
(क) प्रमाणित किया जाता है कि मुझे कोई निःशुल्क वाहन उपलब्ध नहीं करवाया गया था,
(ख) प्रमाणित किया जाता है कि दावाकृत यात्रा भत्ता नियमों के अनुसार है और उसमें दावाकृत रकम सही है,
(ग) प्रमाणित किया जाता है कि मैंने इस दावे के बारे में किसी भी स्रोत से पूर्व में कोई रकम दावाकृत प्राप्त नहीं की है,
(घ) प्रमाणित किया जाता है कि मैंने वास्तव में यात्रा की है।
32. यात्रा भत्ता बिलों पर प्रतिहस्ताक्षर - सदस्यों के यात्रा भत्ता बिल संबंधित पंचायत राज संस्था के अध्यक्षों द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किये जायेंगे। अध्यक्षों के यात्रा भत्ता बिलों पर प्रतिहस्ताक्षरों की आवश्यकता नहीं होगी।
ये भी पढ़ें
जन प्रतिनिधियों को देय मानदेय भत्ता अधिसूचना | 2494/ 04-01-2013 |
जन प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि के संबंध में अधिसूचना | 7204/ 10-10-2017 |
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